Duration 11:3

गणेश भगवानकाे प्रभावशाली मन्त्र गणेश अथर्वशीर्ष 1 हजार पटक पाठ या सुन्नाले हुनेछ मनाेकामना पुरा

390 427 watched
0
3.5 K
Published 26 May 2020

#mantrasong_dharmadarshan_Ganeshbrata गणेश भगवानकाे सबै भन्दा प्रिय "गणेश अथर्वशीर्ष" सुन्नाले मात्र मनाेकामनम पूरा हुने स्तुति बन्दना नेपालीमा फल श्रुति र यसकाे पाठकाे महिमा सहित पं कुबेर सुवेदी || Pt.Kuber Subedi || || श्री गणपति अथर्वशीर्ष || "हरि ॐ" ॐ नमस्ते गणपतये। त्वमेव प्रत्यक्षं तत्वमसि त्वमेव केवलं कर्ताऽसि त्वमेव केवलं धर्ताऽसि त्वमेव केवलं हर्ताऽसि त्वमेव सर्वं खल्विदं ब्रह्मासि त्व साक्षादात्माऽसि नित्यम्।।1।। ऋतं वच्मि। सत्यं वच्मि।।2।। अव त्व मां। अव वक्तारं। अव श्रोतारं। अव दातारं। अव धातारं। अवानूचानमव शिष्यं। अव पश्चातात। अव पुरस्तात। अवोत्तरात्तात। अव दक्षिणात्तात्। अवचोर्ध्वात्तात्।। अवाधरात्तात्।। सर्वतो मां पाहि-पाहि समंतात्।।3।। त्वं वाङ्‍मयस्त्वं चिन्मय:। त्वमानंदमसयस्त्वं ब्रह्ममय:। त्वं सच्चिदानंदाद्वितीयोऽसि। त्वं प्रत्यक्षं ब्रह्मासि। त्वं ज्ञानमयो विज्ञानमयोऽसि।।4।। सर्वं जगदिदं त्वत्तो जायते। सर्वं जगदिदं त्वत्तस्तिष्ठति। सर्वं जगदिदं त्वयि लयमेष्यति। सर्वं जगदिदं त्वयि प्रत्येति। त्वं भूमिरापोऽनलोऽनिलो नभ:। त्वं चत्वारिवाक्पदानि।।5।। त्वं गुणत्रयातीत: त्वमवस्थात्रयातीत:। त्वं देहत्रयातीत:। त्वं कालत्रयातीत:। त्वं मूलाधारस्थितोऽसि नित्यं। त्वं शक्तित्रयात्मक:। त्वां योगिनो ध्यायंति नित्यं। त्वं ब्रह्मा त्वं विष्णुस्त्वं रूद्रस्त्वं इंद्रस्त्वं अग्निस्त्वं वायुस्त्वं सूर्यस्त्वं चंद्रमास्त्वं ब्रह्मभूर्भुव:स्वरोम्।।6।। गणादि पूर्वमुच्चार्य वर्णादिं तदनंतरं। अनुस्वार: परतर:। अर्धेन्दुलसितं। तारेण ऋद्धं। एतत्तव मनुस्वरूपं। गकार: पूर्वरूपं। अकारो मध्यमरूपं। अनुस्वारश्चान्त्यरूपं। बिन्दुरूत्तररूपं। नाद: संधानं। सं हितासंधि: सैषा गणेश विद्या। गणकऋषि: निचृद्गायत्रीच्छंद:। गणपतिर्देवता। ॐ गं गणपतये नम:।।7।। एकदंताय विद्‍महे। वक्रतुण्डाय धीमहि। तन्नो दंती प्रचोदयात।।8।। एकदंतं चतुर्हस्तं पाशमंकुशधारिणम्। रदं च वरदं हस्तैर्विभ्राणं मूषकध्वजम्। रक्तं लंबोदरं शूर्पकर्णकं रक्तवाससम्। रक्तगंधाऽनुलिप्तांगं रक्तपुष्पै: सुपुजितम्।। भक्तानुकंपिनं देवं जगत्कारणमच्युतम्। आविर्भूतं च सृष्टयादौ प्रकृ‍ते पुरुषात्परम्। एवं ध्यायति यो नित्यं स योगी योगिनां वर:।।9।। नमो व्रातपतये। नमो गणपतये। नम: प्रमथपतये। नमस्तेऽस्तु लंबोदरायैकदंताय। विघ्ननाशिने शिवसुताय। श्रीवरदमूर्तये नमो नम:।।10।। एतदथर्वशीर्ष योऽधीते। स ब्रह्मभूयाय कल्पते। स सर्व विघ्नैर्नबाध्यते। स सर्वत: सुखमेधते। स पञ्चमहापापात्प्रमुच्यते।।11।। सायमधीयानो दिवसकृतं पापं नाशयति। प्रातरधीयानो रात्रिकृतं पापं नाशयति। सायंप्रात: प्रयुंजानोऽपापो भवति। सर्वत्राधीयानोऽपविघ्नो भवति। धर्मार्थकाममोक्षं च विंदति।।12।। इदमथर्वशीर्षमशिष्याय न देयम्। यो यदि मोहाद्‍दास्यति स पापीयान् भवति। सहस्रावर्तनात् यं यं काममधीते तं तमनेन साधयेत्।13।। अनेन गणपतिमभिषिंचति स वाग्मी भवति चतुर्थ्यामनश्र्नन जपति स विद्यावान भवति। इत्यथर्वणवाक्यं। ब्रह्माद्यावरणं विद्यात् न बिभेति कदाचनेति।।14।। यो दूर्वांकुरैंर्यजति स वैश्रवणोपमो भवति। यो लाजैर्यजति स यशोवान भवति स मेधावान भवति। यो मोदकसहस्रेण यजति स वाञ्छित फलमवाप्रोति। य: साज्यसमिद्भिर्यजति स सर्वं लभते स सर्वं लभते।।15।। अष्टौ ब्राह्मणान् सम्यग्ग्राहयित्वा सूर्यवर्चस्वी भवति। सूर्यग्रहे महानद्यां प्रतिमासंनिधौ वा जप्त्वा सिद्धमंत्रों भवति। महाविघ्नात्प्रमुच्यते। महादोषात्प्रमुच्यते। महापापात् प्रमुच्यते। स सर्वविद्भवति से सर्वविद्भवति। य एवं वेद इत्युपनिषद्‍।।16।। अथर्ववेदीय गणपतिउपनिषद समाप्त।। (2) संकट माेचन हनुमाष्टक " हनुमान स्तुति" /watch/gB2h3uUMMxgMh (3) कनकधारा स्ताेत्र: "लक्ष्मी स्तुती" प /watch/kyeaN71eWqNea (4) बिष्णु सहस्त्र नाम स्त्राेत्र " बिष्णु स्तुति" /watch/gOIba2r3i3N3b (5) नवग्रहका वैदिक र तान्त्री मन्त्र हरु "नवग्र स्तुति" /watch/Em8dAUJrFOQrd (6) शनि ग्रह शान्ती 108 मन्त्र "शनी स्तुति /watch/UATt4WOFi05Ft Facebook-/channel/UC3Kbs83OeFuy1c5aP5cf6Yw Twitter- https://twitter.com/kuberSubedi7 Instagram-https://www.instagram.com/kubersubedi/ पुजनिय गुरुदेवका अरु च्यानलकाे लागि तल लिंङ्कमा Kuber subedi Youtube channel /channel/UCRFnjrTrI3vIzOXsO_xs5UA Mantra Song Youtube Channel /channel/UC-GRG3ew0L6z8nXgLTnw4iw Dharma Darshan Youtube channel /channel/UC3Kbs83OeFuy1c5aP5cf6Yw

Category

Show more

Comments - 351